इस संसार के समस्त मानव की कामना एक ही है।
और इसे ही हम प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
* चार अवस्थाएं-
अस्तित्व में चार अवस्थाएं है।
- पदार्थ अवस्था
- प्राण अवस्था
- जीव अवस्था
- ज्ञान अवस्था
* वर्तमान शिक्षा हमें क्या दे रही है?
- लाभोन्मादी अर्थशास्त्र
- कामोन्मादी मनोविज्ञान और
- भोगोन्मादी समाजशास्त्र
* हमने गलती से किसे "समझ" माना ?
- हुनर (Skill)
- सुविधा को
- सूचना को
परिणाम -
- तो परिणाम यह निकला की हम शिक्षित तो हैं पर समझदार नहीं।
* हमें बनना क्या है?
- शिक्षित और समझदार
* समझदार बनने के लिए पहले करना क्या है?
- समझ को पहचानना है.....
और यह समझ क्या है?
6 comments:
nice
वाह...कितने सरल तरीके से जीना सिखाती है आपकी ये पोस्ट...अद्भुत...आपकी सोच और लेखन शक्ति कमाल की है...मेरा नमन है...
नीरज
श्री सुमन जी एवं श्री नीरज जी आपने इसे समझने की कोशिश की बहुत ही अच्छी बात है. इस ब्लॉग को लिखते वक्त मै यहाँ स्वयं शिवरार्थी हूँ अभी अध्ययनरत हूँ और इस शिविर को सोम भैया ने लिया था.
काबिलेतारीफ बेहतरीन
बढ़िया आलेख !!!
संजय जी, चन्दन जी शुक्रिया!!.
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