Wednesday, November 25, 2009

"शिक्षित और समझदार"



इसे जानने से पहले हम यह सारणी देखते हैं:-


  • पहली स्थिति एक व्यक्ति शिक्षित है परन्तु समझदार नहीं।
  • दूसरी स्थिति एक व्यक्ति अशिक्षित है पर समझदार है।
  • तीसरी स्थिति ऐसी भी हो सकती है एक व्यक्ति शिक्षित भी ना हो और समझदार भी न हो।
  • हम चाहते क्या हैं ? चौथी स्थिति। शिक्षित भी हों और समझदार भी होवें।

पहली स्थिति कहाँ हो रही है? ...
वर्तमान शिक्षा कुछ ऐसे ही उत्पन्न कर रही है।
आज आपको जो कुछ अच्छे लोग दिखाई पड़ते हैं वे अपने पारिवारिक या व्यक्तिगत संस्कार के कारण दिखाई पड़ते हैं नाकि वर्तमान शिक्षा के कारण।

तो समझदार कौन?
"मानव और प्रकृति के साथ तालमेल और सामंजस्यपूर्वक जीने की योग्यता से संपन्न मानव।"
और यही शिक्षा का उद्देश्य भी होना चाहिए।
लेकिन वर्तमान शिक्षा प्रणाली क्या उत्पन्न कर रही है?

5 comments:

Harshvardhan said...

bahut achcha ..........

प्रकाश गोविंद said...

यह सवाल अगर पहले कोई करता तो मेरा जवाब कुछ और होता लेकिन आज के सामजिक हालात को देखते हुए मुझे लगता है दूसरी स्थिति ज्यादा सही है ! व्यक्ति अशिक्षित हो लेकिन समझदार हो !

यहाँ तो मैं पढ़े-लिखे जाहिलों की संख्या बहुत ज्यादा देखता हूँ ! इस दृष्टिकोण से सामजिक और राष्ट्रीय हित की नजर से समझदार लोगों की जरूरत बहुत है !

वन्दना अवस्थी दुबे said...

हां हमारी शिक्षा प्रणाली पर चर्चा ज़रूरी है.

संजय भास्‍कर said...

AAJ TO SAMAJHDAAR LOGO KI BAHUT HI JARURAT HAI

Roshani said...

हर्ष जी, प्रकाश गोविन्द जी, वंदना अवस्थी जी और संजय भास्कर जी आप सभी का जीवन विद्या के शिविर में स्वागत है.